बेलसंड (सीतामढ़ी): रमजान के पाक महीने में सामाजिक सौहार्द और भाईचारे का संदेश देते हुए बेलसंड विधानसभा के पंचनौर में भव्य इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सैकड़ों रोजेदारों सहित विभिन्न धर्मों के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इफ्तार के बाद नमाज अदा कर देश और दुनिया में अमन-शांति की दुआ मांगी गई।

इस भव्य आयोजन की अगुवाई बेलसंड विधानसभा की भावी प्रत्याशी अपर्णा सिंह और समाजसेवी नितेश सिंह उर्फ महाराज ने की। इस अवसर पर तरियानी छपरा के मुखिया प्रतिनिधि नितेश सिंह (उर्फ महाराज) विशेष रूप से उपस्थित थे। जिन्हें स्थानीय लोगों और समर्थकों ने फूल-माला पहनाकर गर्मजोशी से स्वागत किया।

इफ्तार कार्यक्रम में क्षेत्र के प्रतिष्ठित समाजसेवी, बुद्धिजीवी, राजनीतिक कार्यकर्ता और युवा बड़ी संख्या में मौजूद रहे। सभी ने मिलकर रोजेदारों को विशेष सम्मान दिया और सामूहिक रूप से इफ्तार किया। इफ्तार के बाद सभी ने एकजुट होकर देश में शांति, सौहार्द और भाईचारे की कामना की।

इफ्तार कार्यक्रम के दौरान नितेश सिंह उर्फ महाराज ने कहा "ऐसे सामाजिक आयोजन हिंदू-मुस्लिम एकता और भाईचारे की मिसाल होते हैं। जब सभी धर्मों के लोग एक साथ बैठकर प्रेम और सौहार्द का संदेश देते हैं, तो समाज में आपसी सद्भाव और भाईचारा मजबूत होता है। हमारा उद्देश्य सभी को साथ लेकर चलना और समाज में शांति बनाए रखना है।"

रमजान सिर्फ उपवास रखने का नहीं, बल्कि सहिष्णुता, करुणा और आपसी सहयोग का महीना भी है। पंचनौर में आयोजित इस इफ्तार पार्टी ने इसी संदेश को और अधिक सशक्त किया। रोजेदारों ने कहा कि "इस महीने में हर किसी को मिलकर जरूरतमंदों की सहायता करनी चाहिए और समाज में सौहार्द बनाए रखना चाहिए।"

इस आयोजन में शामिल हुए गणमान्य व्यक्तियों और स्थानीय लोगों ने इसकी भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि "ऐसे कार्यक्रमों से समाज में एकता और आपसी प्रेम बढ़ता है। हिंदू-मुस्लिम एकता के इस प्रयास से समाज को एक सकारात्मक संदेश मिला है।"
इस भव्य आयोजन में कई प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया, जिनमें तरियानी छपरा के मुखिया प्रतिनिधि नितेश सिंह (उर्फ महाराज), समाजसेवी, राजनीतिक कार्यकर्ता और स्थानीय ग्रामीण शामिल थे। बेलसंड विधानसभा के पंचनौर में आयोजित यह इफ्तार पार्टी सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि यह सामाजिक सौहार्द और एकता की मिसाल भी बना।

इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि समाज में आपसी प्रेम और शांति बनाए रखना ही सच्ची मानवता है। ऐसे आयोजन न केवल धार्मिक सद्भाव को मजबूत करते हैं, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी देते हैं कि "हम सब एक हैं और हर परिस्थिति में एक-दूसरे के साथ खड़े रहेंगे।"