बेलसंड: प्रखंड के रूपौली एवं भंडारी गांव में ममता एचआईएमसी प्रोजेक्ट द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र पर सेविका व आशा कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में विश्व स्तनपान दिवस मनाया गया। स्तनपान कराने वाली महिला व गर्भवती महिलाओं को स्तनपान के बारे में विस्तार से बताया गया। प्रखंड समन्वयक धर्मपाल पूर्व बताया कि नवजात बच्चे के लिए मां का दूध अमृत है। जो मां अपने बच्चों को स्तनपान कराती है, उन्हें स्वस्थ रहना बहुत ही आवश्यक है। स्तनपान शिशु की जन्म के 1 घंटे के भीतर शुरू करना चाहिए। बच्चों को पहले 6 माह तक केवल स्तनपान ही करानी चाहिए। शिशु के स्तनपान कराने से मां और शिशु के बीच जुड़ा हुआ संबंध बेहतर होता है। शिशु का समुचित विकास और बौद्धिक विकास बेहतर होता है। अत्यधिक रक्तस्राव के जोखिम को
कम करता है इसलिए बच्चों के लिए स्तनपान जरूरी है।
गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ केंद्र पर कराएं पंजीकरण: मुस्कान ने कहा कि प्रसव पूर्व जांच करना जरूरी है। जिससे मां-बच्चा स्वस्थ रहे और परिवार में खुशियां मिलती रहे। यदि समय-समय पर प्रसव पूर्व जांच नहीं कराते हैं, तो शिशु व मां दोनों को नुकसान का सामना करना पड़ता हैं। गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ केंद्र पर अपना पंजीकरण अवश्य करानी चाहिए। गर्भावस्था के बीच चार बार जांच अवश्य करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिला हो या स्तनपान कराने वाली महिलाएं सही और संपूर्ण पौष्टिक आहार अवश्य लेनी चाहिए। यदि मां ही स्वस्थ न हो तो बच्चे पर इसका बुरा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाएं दिन में कम से कम तीन बार भोजन अवश्य करें व मौसमी फल, दूध का सेवन करे। साथ ही भरपूर मात्रा में नींद भी पूरी करनी चाहिए। सेविका व आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि प्रसव पूर्व 180 दिन व प्रसव बाद 180 दिन तक एक आयरन की गोली अवश्य लेनी चाहिए। इससे मां और शिशु दोनों को ताकत मिलती है। आयरन की गोली लेने से खून की कमी नहीं होती व बच्चे का संपूर्ण विकास में मदद मिलती है। मौके पर आंगनवाड़ी सेविका चंचला वर्मा, अमिता सिंह, साधना कुमारी, रानी कुमारी, आदित्य कुमार, निश्चल कुमार, सहित कई लोग मौजूद थे।